नीट परीक्षा (NEET Exam), जिसका पूरा नाम "नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट" है, भारत में चिकित्सा (Medical) और दंत चिकित्सा (Dental) के क्षेत्र में प्रवेश के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। यह परीक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित की जाती थी, लेकिन अब इसका आयोजन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा किया जाता है। NEET का उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवारों की योग्यता का आकलन करना है।
1.
NEET परीक्षा का उद्देश्य:
NEET परीक्षा का मुख्य उद्देश्य MBBS (बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी) और BDS (बैचलर
ऑफ डेंटल सर्जरी) जैसे मेडिकल और डेंटल कोर्सेज में
प्रवेश के लिए उम्मीदवारों की योग्यता का परीक्षण करना है। यह परीक्षा भारत में
सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आवश्यक होती है।
2.
NEET परीक्षा का पैटर्न:
NEET परीक्षा एक
ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा होती है,
जो 3
विषयों पर आधारित होती है:
- फिजिक्स (Physics)
– 50 प्रश्न
- केमिस्ट्री (Chemistry)
– 50 प्रश्न
- बायोलॉजी (Biology)
– 50 प्रश्न
कुल प्रश्नों की संख्या: 180 प्रश्न
- 4 विकल्पों
में से एक सही उत्तर चुनना होता है।
- प्रत्येक प्रश्न के लिए 4 अंक
मिलते हैं और गलत उत्तर देने पर 1
अंक की नकारात्मक अंकन (Negative Marking) होती है।
3.
NEET परीक्षा की विशेषताएँ:
- विध्यार्थियों का स्तर: यह
परीक्षा देश भर के उन सभी छात्रों के लिए होती है जो MBBS और
BDS कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं।
- परीक्षा मोड: NEET परीक्षा पेन और पेपर मोड (Pen and Paper Mode) में आयोजित की जाती है, जिसमें
उम्मीदवार को परीक्षा के लिए OMR
(Optical Mark Recognition) शीट
पर जवाब देना होता है।
- परीक्षा की अवधि: परीक्षा
का समय 3 घंटे होता है।
4.
NEET के लिए पात्रता (Eligibility):
नीट परीक्षा में बैठने के लिए कुछ
पात्रता मानदंड होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से:
- आयु सीमा: उम्मीदवार
की आयु 17 वर्ष से कम और 25 वर्ष
से अधिक नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा में
5 साल की छूट दी जाती है।
- शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवार
को 12वीं कक्षा (या समकक्ष परीक्षा)
फिजिक्स, रसायन विज्ञान, और
जीवविज्ञान (Biology) के साथ उत्तीर्ण करनी होती है।
- कुल अंक: उम्मीदवार
को 12वीं कक्षा में कम से कम 50% अंक
प्राप्त होने चाहिए (सामान्य श्रेणी के लिए)। आरक्षित श्रेणियों (SC/ST/OBC) के
उम्मीदवारों के लिए यह 40% होता है।
5.
NEET परीक्षा का महत्व:
NEET भारत में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए एकमात्र
मान्यता प्राप्त परीक्षा है। इस परीक्षा के माध्यम से:
- सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश: NEET स्कोर
के आधार पर सरकारी कॉलेजों में MBBS
और BDS
के कोर्सेज में प्रवेश मिलता है।
- निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश: कई
निजी मेडिकल कॉलेजों में भी NEET
स्कोर के आधार पर प्रवेश होता है।
- अन्य राज्य स्तर के मेडिकल संस्थान: कई
राज्य अपने मेडिकल संस्थानों में NEET
के आधार पर प्रवेश लेते हैं।
6.
NEET परीक्षा का आयोजन:
NEET परीक्षा हर साल
मई महीने में
आयोजित की जाती है, हालांकि कभी-कभी इसमें परिवर्तन हो सकता है। उम्मीदवारों को
ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से परीक्षा के लिए आवेदन करना होता है।
7.
NEET का परिणाम और काउंसलिंग:
NEET परीक्षा के परिणाम को
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जारी करती है। उम्मीदवारों को उनके
द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर रैंक और परिणाम मिलता है। इसके बाद, उम्मीदवारों
को काउंसलिंग प्रक्रिया के
माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।
- काउंसलिंग: मेडिकल
कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए एक काउंसलिंग प्रक्रिया आयोजित की जाती है, जिसमें
उम्मीदवार को उनके द्वारा प्राप्त रैंक के आधार पर कॉलेज और कोर्स चुनने का
अवसर मिलता है।
8.
NEET परीक्षा से संबंधित अन्य तथ्य:
- आवेदन प्रक्रिया: NEET परीक्षा
के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जाता है,
और परीक्षा शुल्क भी ऑनलाइन ही जमा
किया जाता है।
- परीक्षा केंद्र: परीक्षा
देशभर में विभिन्न शहरों में स्थित केंद्रों पर आयोजित की जाती है।
- सिर्फ एक बार परीक्षा: NEET परीक्षा
साल में एक बार आयोजित की जाती है (हालांकि कुछ बदलावों के साथ यह कई बार हो
सकती है, जैसे कोविड-19 के
दौरान)।
9.
NEET परीक्षा के लिए तैयारी:
NEET परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को निम्नलिखित विषयों पर
विशेष ध्यान देना चाहिए:
- कक्षा 11 और
12 का पाठ्यक्रम: NEET परीक्षा
में कक्षा 11 और 12
के फिजिक्स, रसायन
विज्ञान और जीवविज्ञान के विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं।
- पुस्तकें और संदर्भ सामग्री: NEET की
तैयारी के लिए विभिन्न पुस्तकें जैसे NCERT,
Objective Physics, Chemistry और
Biology की पुस्तकें और अन्य ऑनलाइन अध्ययन
सामग्री का उपयोग किया जाता है।
- पुनरावलोकन और मॉक टेस्ट: परीक्षा
से पहले मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करना बहुत
महत्वपूर्ण होता है।
सारांश: NEET (नेशनल
एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) भारत में मेडिकल और डेंटल कोर्सों में प्रवेश के
लिए आयोजित की जाने वाली एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। यह परीक्षा हर वर्ष आयोजित होती
है, और इसका उद्देश्य योग्य छात्रों का चयन करना है ताकि वे MBBS और
BDS जैसे कोर्सों में दाखिला ले सकें। NEET के
माध्यम से सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों की
योग्यता का परीक्षण किया जाता है।
NEET (National Eligibility cum Entrance
Test) परीक्षा के बाद,
जो छात्र इस परीक्षा को पास करते हैं, उन्हें MBBS (बैचलर
ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी) और
BDS (बैचलर
ऑफ डेंटल सर्जरी) जैसे मेडिकल और डेंटल कोर्सों में प्रवेश मिलता है। इसके अलावा, कुछ
अन्य कोर्स भी हैं जिनमें NEET के आधार पर प्रवेश प्राप्त किया जा सकता है। यहां पर NEET परीक्षा
के बाद उपलब्ध कुछ प्रमुख कोर्स की सूची दी गई है:
1.
MBBS (बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी)
यह सबसे प्रमुख और सबसे अधिक पसंद किया
जाने वाला कोर्स है। NEET परीक्षा में अच्छा स्कोर करने वाले छात्र इस कोर्स में प्रवेश
लेते हैं। MBBS कोर्स आमतौर पर 5.5
साल का होता है, जिसमें
1 साल की इंटर्नशिप भी शामिल होती है।
- प्रवेश: सरकारी
और निजी मेडिकल कॉलेजों में।
- करियर: डॉक्टर
(GP, स्पेशलिस्ट), अस्पतालों
में कार्य, क्लिनिक खोलना।
2.
BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)
यह कोर्स दंत चिकित्सा (Dentistry) से
संबंधित होता है। NEET परीक्षा के बाद,
अगर किसी छात्र का BDS में
प्रवेश होता है, तो वह दंत चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करता
है।
- प्रवेश: सरकारी
और निजी डेंटल कॉलेजों में।
- करियर: डेंटिस्ट, डेंटल
सर्जन, निजी क्लिनिक।
3.
BVSc (बैचलर ऑफ वीटेरिनरी साइंसेज)
यह कोर्स पशु चिकित्सा (Veterinary Science) से
संबंधित होता है। NEET के माध्यम से, छात्र इस कोर्स में प्रवेश लेकर पशु
चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
- प्रवेश: कृषि
और पशुपालन विश्वविद्यालयों में।
- करियर: पशु
चिकित्सक, पशु अस्पताल, पशु
फार्म आदि।
4.
AYUSH (आयुष)
NEET परीक्षा के परिणाम के आधार पर AYUSH
क्षेत्र के कोर्सों में भी प्रवेश लिया
जा सकता है। AYUSH के तहत, विभिन्न पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का अध्ययन होता है, जिनमें
शामिल हैं:
- BAMS
(बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड
सर्जरी) – आयुर्वेद से संबंधित कोर्स।
- BHMS
(बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड
सर्जरी) – होम्योपैथी से संबंधित कोर्स।
- BNYS
(बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योग
साइंसेज) – प्राकृतिक चिकित्सा और योग का
कोर्स।
- BUMS
(बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड
सर्जरी) – यूनानी चिकित्सा पद्धति से संबंधित
कोर्स।
प्रवेश: AYUSH मंत्रालय
द्वारा अनुमोदित कॉलेजों में।
करियर: आयुर्वेदिक
डॉक्टर, होम्योपैथिक चिकित्सक,
योग प्रशिक्षक, प्राकृतिक
चिकित्सक।
5.
Nursing (नर्सिंग)
NEET के बाद, यदि किसी छात्र का मेडिकल में प्रवेश नहीं हो पाता है, तो
वह B.Sc.
Nursing जैसे कोर्स में भी प्रवेश ले सकता है। इस कोर्स के जरिए
नर्सिंग और हेल्थकेयर के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए शिक्षा प्राप्त की जाती
है।
- प्रवेश: Nursing कॉलेजों
में।
- करियर: Registered Nurse, Healthcare Professional, अस्पतालों और क्लीनिक में कार्य।
6.
BPT (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी)
यह कोर्स शारीरिक उपचार (Physical Therapy) से
संबंधित है। NEET के बाद, यदि किसी छात्र को मेडिकल क्षेत्र में रुचि है लेकिन MBBS में
प्रवेश नहीं मिलता, तो वह BPT में प्रवेश लेकर फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में करियर बना सकता
है।
- प्रवेश: फिजियोथेरेपी
कॉलेजों में।
- करियर: फिजियोथेरेपिस्ट, स्पोर्ट्स
मेडिकल टीम में कार्य, निजी क्लिनिक।
7.
BMLT (बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी)
यह कोर्स मेडिकल लैब में काम करने वाले
तकनीशियनों को तैयार करता है, जो मरीजों के रक्त, मूत्र, और
अन्य नमूनों का परीक्षण करते हैं। NEET
के बाद,
यह कोर्स भी एक अच्छा विकल्प हो सकता
है।
- प्रवेश: मेडिकल
लैब कॉलेजों में।
- करियर: मेडिकल
लैब टेक्नीशियन, लैब मैनेजर, हॉस्पिटल्स, मेडिकल
सेंटर।
8.
BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड
सर्जरी)
आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में स्नातक
डिग्री प्राप्त करने के लिए यह कोर्स होता है। NEET
के माध्यम से BAMS के
लिए प्रवेश लिया जा सकता है।
- प्रवेश: आयुर्वेद
कॉलेजों में।
- करियर: आयुर्वेद
चिकित्सक, आयुर्वेदिक क्लिनिक।
9.
BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)
यह दंत चिकित्सा से संबंधित एक और
महत्वपूर्ण कोर्स है। NEET परीक्षा के माध्यम से इस कोर्स में भी प्रवेश लिया जा सकता है।
- प्रवेश: डेंटल
कॉलेजों में।
- करियर: डेंटिस्ट, डेंटल
सर्जन, क्लिनिक खोलना।
10.
Pharmacy (फार्मेसी)
NEET परीक्षा के माध्यम से
B. Pharmacy (बैचलर
ऑफ फार्मेसी) कोर्स में भी प्रवेश लिया जा सकता है। इसमें दवाओं के निर्माण, वितरण
और चिकित्सा विज्ञान के अन्य पहलुओं का अध्ययन होता है।
- प्रवेश: फार्मेसी
कॉलेजों में।
- करियर: फार्मासिस्ट, मेडिकल
रिप्रेजेंटेटिव, औषधि निर्माता, या
स्वास्थ्य संगठनों में कार्य।
निष्कर्ष:
NEET परीक्षा के माध्यम से
MBBS, BDS, AYUSH, BVSc, Nursing, BPT,
Pharmacy, और अन्य संबंधित मेडिकल, डेंटल, और
स्वास्थ्य सेवाओं के कोर्सों में प्रवेश लिया जा सकता है। हालांकि MBBS और
BDS सबसे प्रमुख और लोकप्रिय विकल्प हैं, परंतु
छात्रों के पास कई अन्य उपयुक्त विकल्प भी होते हैं जो मेडिकल और हेल्थकेयर
क्षेत्र में करियर बनाने के लिए अच्छे अवसर प्रदान करते हैं।
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