ISRO Kya hai | What is ISRO Poori Jankari in HIndi

ISRO क्या है? भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की पूरी जानकारी | What is ISRO in Hindi


🔰 परिचय (Introduction)

भारत ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं, उनमें ISRO (Indian Space Research Organisation) का नाम सबसे ऊपर आता है। चाहे वो चंद्रयान हो, मंगलयान, या हाल ही में सफल गगनयान मिशन की तैयारी — ISRO ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल कर दिया है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे:

  • ISRO क्या है?
  • इसका इतिहास और उद्देश्य
  • प्रमुख मिशन
  • भविष्य की योजनाएँ
  • और इससे जुड़ी रोचक जानकारियाँ

🚀 ISRO क्या है? (What is ISRO in Hindi)

ISRO का पूरा नाम है: Indian Space Research Organisation
हिंदी में: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

यह भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है, जो उपग्रह, रॉकेट, और स्पेस मिशन डिजाइन और लॉन्च करने का कार्य करती है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को स्वदेशी अंतरिक्ष तकनीक में आत्मनिर्भर बनाना है।


🏛️ ISRO का इतिहास (History of ISRO)

वर्ष

घटना

1962

अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए INCOSPAR की स्थापना

1969

ISRO की स्थापना (15 अगस्त 1969)

1975

पहला भारतीय उपग्रह "आर्यभट्ट" लॉन्च हुआ

1980

पहला स्वदेशी रॉकेट SLV-3 से "रोहिणी" उपग्रह सफलतापूर्वक भेजा गया

👉 ISRO के संस्थापक: डॉ. विक्रम साराभाई
👉
मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक


🎯 ISRO का उद्देश्य (Objectives of ISRO)

  • भारत के लिए उपग्रहों और रॉकेट्स का विकास करना
  • दूरदर्शन, टेलीकॉम, मौसम पूर्वानुमान और नेविगेशन जैसी सेवाओं के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराना
  • अनुसंधान और विकास में आत्मनिर्भरता
  • शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन में योगदान
  • वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष सेवा प्रदान करना

🚀 ISRO के प्रमुख मिशन (Major ISRO Missions)

1. चंद्रयान मिशन

  • चंद्रयान-1 (2008): चाँद पर पानी के अणु खोजने वाला पहला भारतीय मिशन।
  • चंद्रयान-2 (2019): ऑर्बिटर सफल; लैंडर "विक्रम" लैंडिंग में विफल।
  • चंद्रयान-3 (2023): भारत चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना।

2. मंगलयान (Mangalyaan / MOM)

  • 2013 में लॉन्च, 2014 में सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में पहुँचा।
  • भारत पहला देश बना जो पहली ही कोशिश में मंगल तक पहुँचा।

3. गगनयान मिशन

  • भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन (आने वाले वर्षों में)।
  • ISRO + HAL + DRDO का संयुक्त प्रयास।

4. NAVIC (नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन)

  • भारत का अपना GPS सिस्टम।

🛰️ ISRO द्वारा लॉन्च किए गए उपग्रह (Satellites by ISRO)

  • INSAT Series: संचार और मौसम संबंधी उपग्रह
  • IRS Series: पृथ्वी अवलोकन उपग्रह
  • Cartosat: उच्च रेजोल्यूशन इमेजिंग
  • GSAT: ब्रॉडबैंड और टेलीकॉम सेवाएं
  • RISAT: रडार इमेजिंग सैटेलाइट

🌍 ISRO की अंतरराष्ट्रीय भूमिका

ISRO केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि कई विदेशी उपग्रहों का भी लॉन्च करता है।

  • अब तक 30+ देशों के 380 से अधिक उपग्रह भेज चुका है।
  • PSLV-C37 मिशन (2017) में 104 उपग्रह एक साथ भेजने का विश्व रिकॉर्ड।

🔬 ISRO की प्रयोगशालाएँ और केंद्र

केंद्र का नाम

स्थान

कार्य

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC)

तिरुवनंतपुरम

लॉन्च व्हीकल डेवेलपमेंट

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SHAR)

श्रीहरिकोटा

लॉन्चिंग स्टेशन

ISRO Satellite Centre (URSC)

बेंगलुरु

उपग्रह डिजाइन

राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC)

हैदराबाद

इमेज डेटा प्रोसेसिंग

ISRO Telemetry Tracking & Command

बेंगलुरु

सिग्नल मॉनिटरिंग


🧠 ISRO में करियर कैसे बनाएं?

ISRO में Scientist/Engineer बनने के लिए:

  • योग्यता: BE/B.Tech या ME/M.Tech (अधिकतर शाखाएँ)
  • एजेंसी: ISRO Centralized Recruitment Board (ICRB)
  • परीक्षा: ICRB Exam + Interview
  • GATE स्कोर से भी कुछ पदों पर सीधी भर्ती होती है।

अन्य पद:

  • टेक्निशियन, ड्राफ्ट्समैन, टेक्निकल असिस्टेंट, आदि।

👉 ISRO की करियर वेबसाइट


🧩 ISRO की आने वाली योजनाएं (Future Missions)

  • गगनयान मानव मिशन
  • शुक्र मिशन (Shukrayaan-1)
  • Aditya-L1 (सूर्य मिशन)
  • Reusable Launch Vehicle (RLV)
  • स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV)

🤯 ISRO से जुड़े रोचक तथ्य

  1. ISRO का मंगल मिशन दुनिया का सबसे सस्ता मिशन था सिर्फ ₹450 करोड़ में।
  2. ISRO के PSLV को "वर्कहॉर्स" कहा जाता है इसकी सफलता दर 95% से ज्यादा है।
  3. चंद्रयान-3 के ज़रिए भारत ने चाँद पर लैंड करने वाला चौथा देश बनने का गौरव पाया।
  4. ISRO ने एक बार 104 सैटेलाइट्स को एक साथ लॉन्च किया वर्ल्ड रिकॉर्ड!
  5. ISRO का बजट NASA की तुलना में काफी कम है, फिर भी परिणाम शानदार हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

ISRO आज केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की एक विश्वसनीय और कुशल अंतरिक्ष एजेंसी बन चुकी है। इसके प्रयासों ने भारत को वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है।

अगर आप भी विज्ञान और अंतरिक्ष की दुनिया में रुचि रखते हैं, तो ISRO एक प्रेरणा का स्रोत हो सकता है।






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